अतिरिक्त >> जय भीमराव जय भीमरावसुखदेव सिंह सेंगर
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भारत देश महान ! बीच में मध्य प्रदेश का बास। इस प्रदेश के महू नगर में रहे रामजी दास।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
जय भीमराव
जन्म
भारत देश महान ! बीच में
मध्य प्रदेश का बास।
इस प्रदेश के महू नगर में
रहे रामजी दास।
सेना में सूबेदार मेजर
रह कर्त्तव्य निभाया।
देश प्रेम, सामाजिक समता
सबको पाठ पढ़ाया।
सुबह सुनहरा सूरज निकला
बही मन्द पुरवाई।
नवजात शिशु के आने की
खबर ‘रुक्मिणी’ लाई।
चौदह अप्रैल सन् अठारह
सौ इक्यानवे अनुपम।
कौन जानता गर्व करेंगे
इस बालक पर सब हम।
महर जाति के अनुसूचित
थे कहते सभी अछूत !
जिसकी पत्नी भीमाबाई
ने जन्मा एक सपूत।
झूमे पेड़, लताएँ लहरीं
खिले सुमन बहुरंगी।
नाले, झरने, नदियां मिलकर
कल-कल करतीं चंगी।
कलरव करते पक्षी मिलकर
गाते मीठे गाने।
लगा कि जैसे भारत के दिन
आने लगे सुहाने।
भीमाबाई की जन्मी यह
चौदहवीं सन्तान।
इसमें जैसे बसा हुआ था
भारत देश महान !
मध्य प्रदेश का बास।
इस प्रदेश के महू नगर में
रहे रामजी दास।
सेना में सूबेदार मेजर
रह कर्त्तव्य निभाया।
देश प्रेम, सामाजिक समता
सबको पाठ पढ़ाया।
सुबह सुनहरा सूरज निकला
बही मन्द पुरवाई।
नवजात शिशु के आने की
खबर ‘रुक्मिणी’ लाई।
चौदह अप्रैल सन् अठारह
सौ इक्यानवे अनुपम।
कौन जानता गर्व करेंगे
इस बालक पर सब हम।
महर जाति के अनुसूचित
थे कहते सभी अछूत !
जिसकी पत्नी भीमाबाई
ने जन्मा एक सपूत।
झूमे पेड़, लताएँ लहरीं
खिले सुमन बहुरंगी।
नाले, झरने, नदियां मिलकर
कल-कल करतीं चंगी।
कलरव करते पक्षी मिलकर
गाते मीठे गाने।
लगा कि जैसे भारत के दिन
आने लगे सुहाने।
भीमाबाई की जन्मी यह
चौदहवीं सन्तान।
इसमें जैसे बसा हुआ था
भारत देश महान !
बचपन
पांच साल तक ही दे पाई
भीमा लाड़-दुलार।
चाची मीरा ने ‘भीमा’ कह
पाला देकर प्यार।
सब अछूत कह उसे चिढ़ाते
रहते कोसों दूर।
मन मसोस कर रह जाते थे
भीमराव मजबूर।
बच्चे खेल खेलते ‘भीमा’
उन्हें देखता रहता।
असहनीय अलगाव अकेले
मन ही मन में सहता।
भीमा लाड़-दुलार।
चाची मीरा ने ‘भीमा’ कह
पाला देकर प्यार।
सब अछूत कह उसे चिढ़ाते
रहते कोसों दूर।
मन मसोस कर रह जाते थे
भीमराव मजबूर।
बच्चे खेल खेलते ‘भीमा’
उन्हें देखता रहता।
असहनीय अलगाव अकेले
मन ही मन में सहता।
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